खुद पे एहसान ना कर,
जो दिल करे कर तू बेफिकर..
लोग रोकेंगे,बस तू रुक ना जाना,
कभी टोके तो पीछे मुड़ ना जाना…
माना की सफर आसान नही होगा,
पर तू घबरा ना जाना..
कभी ठोकर से गिर भी जाए,
तो खुद को तू संभाल ही लेना…
सफर में मुसाफिर भी मिलेंगे,
कुछ भटका देते हैं तो कुछ सही राह भी दिखाएंगे..
कुछ मजधार में राह मोड़ भी ले,
तो कुछ मंजिल तक साथ निभा कर हमसफर बन जायेंगे…
तू बस अपनी उड़ान भर,
पंख फैला तू आसमान की और…
बस खुद पे कभी एहसान ना कर,
जो दिल करे कर तू बेफिकार…
Written by Prabhamayee Parida
