प्यार की परिभाषा तो जैसे बदल सी गई है..माफ करना जनाब,अब तो प्यार जैसा कोई शब्द रह ना गया है.. क्यूं की लोग आज कल मुफीद होगए हैं..ख्वाबों की दुनिया से अब वाकिब जो नही हैं… जीने लगे हैं मौजूदा वक्त में,कोई उम्रभर के लिए अब इंतजार ना करता…एहसाह और जज्बातों की कोई जीकर नाContinue reading “Does love exist??”
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ये उन दिनों का प्यार था..
बात होती थी इशारों सेऔर इशारे में दिल इकरार करता था…आंखों ही आंखों में अक्सर दिल अपना हाल बयान करता था…इजहार करना नहीं था इतना आसान,क्यूं की वो लफ्ज़ होठों पर आने से कतराया करता था…ये उन दिनों का प्यार थाये उन दिनों का प्यार थामासूमियत से भरा ये, उन दिनों का प्यार था…. चिट्ठीContinue reading “ये उन दिनों का प्यार था..”